निर्वाचन न्‍यायालय द्वारा शून्‍य घोषित कर दिया जाता है, (5)  वह सदन द्वारा निष्‍कासन का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किए जाने पर निष्‍कासित कर दिया जाता है या (6) वह राष्‍ट्रपति या किसी राज्‍य का राज्‍यपाल चुन लिया जाता है।

यदि किसी सदस्‍य को संविधान की दसवीं अनुसूची के उपबंधो के अंतर्गत दल-बदल के आधार पर अयोग्‍य सिद्ध कर दिया गया हो, तो उस स्‍थिति में भी उसकी सदस्‍यता समाप्‍त हो सकती है।

चुनाव संबंधी विवाद

संसद के या किसी राज्‍य विधानमंडल के किसी सदन के लिए हुए किसी चुनाव को चुनौती उच्‍च-न्‍यायालय में दी जा सकती है। याचिका चुनाव के दौरान कोई भ्रष्‍ट प्रक्रिया अपनाने के कारण पेश की जा सकती है। यदि सिद्ध हो जाए तो उच्‍च न्‍यायालय को यह शक्‍ति प्राप्‍त है कि वह सफल उम्‍मीदवार का चुनाव शून्‍य घोषित कर दे।

 

वोट देते हुए