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विशेषाधिकार
के प्रश्न,
अविलंबनीय
लोक महत्व
के मामलों पर
चर्चा,
मंत्रिपरिषद
में अविश्वास
का प्रस्ताव,
प्रश्नों
के उत्तरों
से उत्पन्न
होने वाले
मामलों पर
आधे घंटे की
चर्चाएं इत्यादि। गैर-सरकारी
सदस्यों के
कार्य,
अर्थात
विधेयकों और
संकल्पों
पर प्रत्येक
शुक्रवार के
दिन या किसी
ऐसे दिन जो
अध्यक्ष
निर्धारित
करे ढाई घंटे
तक चर्चा की
जाती है। सदन
में किए जाने
वाले विभिन्न
कार्यों के
लिए समय की
सिफारिश
सामान्यतया
कार्य
मंत्रणा
समिति
द्वारा की
जाती है।
प्राय: हर सप्ताह
एक बैठक होती
है। संसद
के दोनों सदनों
की
कार्यवाही
की छपी हुई
प्रतियां
सामान्यतया
बैठक के बाद
एक मास के
अंदर उपलब्ध
करा दी जाती
हैं।
कार्यवाही
को टेप
रिकार्ड किया
जाता है। वाद
विवाद के
अधिवेशनवार
छपे हुए खंड
हिंदी तथा
अंग्रेजी
भाषा में
उपलब्ध
होते हैं। संसद
के कार्य का
संचालन करने
की भाषाएं
हिंदी तथा अंग्रेजी
हैं। किंतु
पीठासीन
अधिकारी ऐसे
सदस्य को, जो
हिंदी या
अंग्रेजी
में अपनी
पर्याप्त
अभिव्यक्ति
नहीं कर सकता
हो, अपनी
मातृ-भाषा
में संसद को
संबोधित
करने की
अनुमति दे
सकते हैं।
दोनों सदनों
में 12 भाषाओं
को हिंदी तथा
अंग्रेजी में
साथ साथ
भाषांतर
करने की
सुविधाएं
उपलब्ध
हैं। 5. संसद
में प्रश्न
पूछना सरकार
अपनी प्रत्येक
भूल चूक के
लिए संसद के
प्रति और
संसद के द्वारा
लोगों के प्रति
उत्तरदायी
होती है। सदन
के सदस्य इस
अधिकार का
प्रयोग, अन्य
बातों के साथ
साथ, संसदीय
प्रश्नों
के माध्यम
से करते हैं।
संसद सदस्यों
को लोक महत्व
के मामलों पर
सरकार के
मंत्रियों
से जानकारी
प्राप्त
करने के लिए
पूछने का
अधिकार होता
है। |